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Sunil Gupta teacher

Others

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Sunil Gupta teacher

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गांवों का बदलाव

गांवों का बदलाव

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धमाचौकड़ी होल कबड्डी, 

बालक नहीं दिखाई।

पनिहारिन से पनघट सूना,

चौपालन ना भाई।।


 ब्रह्म मुहूर्त गोधूलि,

 ना जाने कोई भाई।

राम-राम जन करना भूले,

 करते टाटा बाई।।

 भारत के परिधान विसरदय,

 रहे विदेश अपनाई।

 धर्म-कर्म मर्यादा भूले,

जीते ऐसे भाई।।


आठ बजे लो सोके उठ रय,

सोये बारह पे भाई।

मठा दूध खावे ना मिल रय, 

घी की छोड़ो भाई।।


 उठा पटक और दंड लगाना,

 सारे जन बिसराई‌

 हा-हा करते क्लब खोलकर,

 गांव बदल गए भाई।।



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