अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता। अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता।
कलकल बहती धार नदी की मिश्री कानों में घोल रही। पर्वतों की खूबसूरती सबके सर चढ़कर बोल रही। आंख खु... कलकल बहती धार नदी की मिश्री कानों में घोल रही। पर्वतों की खूबसूरती सबके सर चढ...