कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम। कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम।
सहनशीलता धरती सी, विशालता अम्बर सी है ..... हां मैं नारी हूं। सहनशीलता धरती सी, विशालता अम्बर सी है ..... हां मैं नारी हूं।
बस नमक बनना चाहती हूं मैं नमक बना चाहती हूं मैं। बस नमक बनना चाहती हूं मैं नमक बना चाहती हूं मैं।
अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता। अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता।
करते हो गर अपनी धरती से प्यार चारों तरफ पेड़ लगाओ यार। करते हो गर अपनी धरती से प्यार चारों तरफ पेड़ लगाओ यार।
क्या होगा अब तो समय चला गया, अब फिर क्यों लौट कर आए हैं। क्या होगा अब तो समय चला गया, अब फिर क्यों लौट कर आए हैं।