वजूद
वजूद


इस लता की तरह,
जीवन की ऊंचाइयों,
को छूना तुम।
कभी सहारा ले लेना,
कभी किसी का सहारा,
बन जाना तुम।
विशाल बरगद,
भी पोषण के लिए,
है निर्भर अपनी जड़ों पर,
ऊंचा उड़ना, पर जड़ो,
को न भुलना तुम।
इस लता की तरह,
जीवन की ऊंचाइयों,
को छूना तुम।
कभी सहारा ले लेना,
कभी किसी का सहारा,
बन जाना तुम।
विशाल बरगद,
भी पोषण के लिए,
है निर्भर अपनी जड़ों पर,
ऊंचा उड़ना, पर जड़ो,
को न भुलना तुम।