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Jyoti Dhankhar

Romance

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Jyoti Dhankhar

Romance

मेरा साथी

मेरा साथी

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थोड़ा अजीब सा है वो 

औरों की तरह उसे 

चूड़ियों की छन छन नहीं पसंद

ना ही उसको मेरे नाक में 

बाली भाती है 

लिपस्टिक लगाऊं जो कभी 

तो हल्का सा नाक चढ़ा 

नाराज़गी जताता है 

पैरों में मेरे पायल जो रुनझुन करती हैं 

वो भी जाने क्यों उसे नहीं भाती हैं

वो तो बस मेरे मैं होने पर

मुझसे भी ज्यादा इतराता है 

खुले रखूं जो कभी बाल 

तो बस पलकें भी नहीं झपकाता है 

लबों को रख मेरे माथे पर 

अपना प्यार जताता है 

जो उलझन में होऊं गर मैं

मेरी उलझनों को सुलझाता है 

एक ऐसा साथी क्यों सबकी 

किस्मत में रब लिख क्यों नहीं देता है ?


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