मां हूं तभी जिंदा हूं । दिल्ली से हूं और कविता कहानियां कह लिया करती हूं , मन को पन्नों पर उडेल लिया करती हूं
क्या क्या कह के सताया जाता है औरतों को । क्या क्या कह के सताया जाता है औरतों को ।
देखा लाश से लिपटे किसी को कहीं कफन बिना लाश देखी। देखा लाश से लिपटे किसी को कहीं कफन बिना लाश देखी।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है संवारना तुम बहुत ही खूबसूरती से जीना तुम। जिंदगी बहुत खूबसूरत है संवारना तुम बहुत ही खूबसूरती से जीना तुम।
थोड़ा अजीब सा है वो औरों की तरह उसे चूड़ियों की छन छन नहीं पसंद। थोड़ा अजीब सा है वो औरों की तरह उसे चूड़ियों की छन छन नहीं पसंद।
सुनो जब मैं रो दूं कभी मुझे गले लगाना मर्द हो तुम कह कर चुप मत कराना। सुनो जब मैं रो दूं कभी मुझे गले लगाना मर्द हो तुम कह कर चुप मत करा...
अब होश आया है जब वो साथ निभा रहा अब होश आया है जब वो साथ निभा रहा
फिर नहीं मैं इस बार केक काटने वाला फिर नहीं मैं इस बार केक काटने वाला
जो अगर पढ़ लेता है वो उसकी खाली आंखों को वो फिर पा लेता है मोहब्बत, खालिस मोहब्बत। जो अगर पढ़ लेता है वो उसकी खाली आंखों को वो फिर पा लेता है मोहब्बत, खालिस मो...
एक ही शॉल को लपेट कर बैठना ये पीछे का आंगन और तेरे ये पौधे एक ही शॉल को लपेट कर बैठना ये पीछे का आंगन और तेरे ये पौधे
की सहचरी बना के रखो वो बस जिंदगी जीना चाह रही है। की सहचरी बना के रखो वो बस जिंदगी जीना चाह रही है।