आसमान दो नन्हीं परियों को
आसमान दो नन्हीं परियों को
क्या क्या कह के सताया जाता है औरतों को
रिश्ते आते हैं तो ये कुछ सवाल आंखों से और कुछ जुबान से पूछे जाते हैं
सुंदर हो ? बहुत आशिक होंगें ना तुम्हारे तो
हॉस्टल रही हो ? बहुत बिगड़ी हुई होगी फिर तो ?
अच्छा मेकअप लगाती हो ?, आवारा ही होगी
मोटी हो जाने कितना खाती होगी ?
पतली हो ? मां ने कुछ खिलाया नहीं
सांवली है , कौन ब्याह करेगा तुमसे , क्रीम लगाओ
इतनी लम्बी , खंबे जैसी हो औरत ही नही लगती
अरे ठिघनी , हमारा तो वंश ही बौना कर देगी
जाने क्या क्या कहा जाता है ?
क्या क्या कह के नीचा दिखाया जाता है
हद ये की मां बाप ऐसे लोगों की आवभगत करते हैं
फिर इन बेहूदा लोगों को दहेज भी दिया करते हैं ।
तोड़ दो इन सब नियमों को सामाजिक प्रपंचों को
पढ़ाओ लिखो , आत्मनिर्भर बनाओ अपनी बेटियों को
दिखाओ इन नन्हीं जानों को कल्पना की उड़ान , सुनीता का अंतरिक्ष अभियान
बताओ इन्हें की पढ़ लिख कर मां बाप का नाम रोशन इनको भी करना है ।
बचा लो ना अपनी ही औलादों को दहेज के लालची लोगों से
अपनी ही नन्ही परियों को आसमान में उड़ने को पंख दो
