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Jyoti Dhankhar

Tragedy Inspirational

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Jyoti Dhankhar

Tragedy Inspirational

आसमान दो नन्हीं परियों को

आसमान दो नन्हीं परियों को

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क्या क्या कह के सताया जाता है औरतों को 

रिश्ते आते हैं तो ये कुछ सवाल आंखों से और कुछ जुबान से पूछे जाते हैं 


सुंदर हो ? बहुत आशिक होंगें ना तुम्हारे तो 

हॉस्टल रही हो ? बहुत बिगड़ी हुई होगी फिर तो ? 


अच्छा मेकअप लगाती हो ?, आवारा ही होगी 

मोटी हो जाने कितना खाती होगी ? 


पतली हो ? मां ने कुछ खिलाया नहीं 

सांवली है , कौन ब्याह करेगा तुमसे , क्रीम लगाओ 


इतनी लम्बी , खंबे जैसी हो औरत ही नही लगती 

अरे ठिघनी , हमारा तो वंश ही बौना कर देगी 

जाने क्या क्या कहा जाता है ? 

क्या क्या कह के नीचा दिखाया जाता है


हद ये की मां बाप ऐसे लोगों की आवभगत करते हैं 

फिर इन बेहूदा लोगों को दहेज भी दिया करते हैं । 


तोड़ दो इन सब नियमों को सामाजिक प्रपंचों को 

पढ़ाओ लिखो , आत्मनिर्भर बनाओ अपनी बेटियों को 


दिखाओ इन नन्हीं जानों को कल्पना की उड़ान , सुनीता का अंतरिक्ष अभियान 

बताओ इन्हें की पढ़ लिख कर मां बाप का नाम रोशन इनको भी करना है ।


बचा लो ना अपनी ही औलादों को दहेज के लालची लोगों से 

 अपनी ही नन्ही परियों को आसमान में उड़ने को पंख दो



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