बलिदान
बलिदान
भारत देश खड़ा हैं अपने पुत्रों के बलिदानों पर
थोड़ा समय बीता लेना, तुम
उनके भी स्थानों पर
अपना शीश नवाँ देना
उन अगणित वीर जवानों पर
सींच रुधिर से पोसा जिसने
स्वतंत्रता के सपनों को
मन से ना बिसरा देना
उन देश भक्त परवानों को
अपना शीश नवाँ देना
उन अगणित वीर जवानों को
हँसकर झूले फंदों पर जो
सीनों पर गोली खायी
प्रलोभनों से डिगे नहीं जो
मातृभूमि ना बिसरायी
अश्रु पुष्प चढ़ा देना , तुम
उन देशभक्त दीवानों पर
अपना शीश नवाँ देना
उन अगणित वीर जवानों पर।