बिखरा बिखरा झूमिल सा, मन चंचल थोड़ा सजल है। बिखरा बिखरा झूमिल सा, मन चंचल थोड़ा सजल है।
अनेकों कमल दल फूल - फूल मुस्काये। अनेकों कमल दल फूल - फूल मुस्काये।
सुख का बिगुल बजता है अंधकार को भगाकर कमल दल फूल खिलता है। सुख का बिगुल बजता है अंधकार को भगाकर कमल दल फूल खिलता है।
बुराइयों को जड़ से खत्म कर नए दिन संग करूँ मैं श्री गणेश। बुराइयों को जड़ से खत्म कर नए दिन संग करूँ मैं श्री गणेश।
काश इसकी, आदत से पहले, इसकी कोई, दवा मिल जाए। काश इसकी, आदत से पहले, इसकी कोई, दवा मिल जाए।
कोई रच नहीं सकता आपके लिये षडयंत्र। कोई रच नहीं सकता आपके लिये षडयंत्र।