संगत की रंगत
संगत की रंगत
संगत की रंगत होती है
जो कहते ही
वो गलत कहते हैं
कभी भी संगत की
रंगत नहीं होती है।
गुलाब काँटों की
संगत में रहता है
पर फूलों से महकता है
काँटो की तरह चुभता नहीं
और हमेशा काँटा चुभता है
महकता नहीं।
कमल कीचड़ में खिलता है
पर अपनी निर्मलता बनाये
रखता है कीचड़ सा गंदा
होता नहीं और कीचड़ कमल
सा निर्मल होता नहीं।
जब तक आप नियंत्रण में हो
तब तक आपके खिलाफ
कोई रच नहीं सकता
आपके लिये षडयंत्र।
