Neha Yadav
Drama
मन तुम्हारा बहुत सरल है,
जैसे कीचड़ में खिला कमल है,
बिखरा बिखरा झूमिल सा,
मन चंचल थोड़ा सजल है।
यादों की बारि...
देशहित में
घर छोड़ जाने क...
मकाम हैं हम
मैं तुम का भे...
सच्चाई
वो पहली मुलाक...
विश्वास
संवेदनशील नार...
बहारें
कभी जरा सी हवा चली तो बिखर जाता है सपनों का महल l कभी जरा सी हवा चली तो बिखर जाता है सपनों का महल l
देखो ना फिर एक दूजे से बेशुमार प्यार करने लगे हम। देखो ना फिर एक दूजे से बेशुमार प्यार करने लगे हम।
पीपल की एक एक शाख सा हर घर रहा इसी आस पर पीपल की एक एक शाख सा हर घर रहा इसी आस पर
ख्वाब देखना भी हिम्मत वालों का शौक है वह जो परछाइयों पीछा करके खुश है। ख्वाब देखना भी हिम्मत वालों का शौक है वह जो परछाइयों पीछा करके खुश है।
अतृप्त इच्छाओं का पागल बवंडर समझा है जिसे तुमने पास आकर देखो अतृप्त इच्छाओं का पागल बवंडर समझा है जिसे तुमने पास आकर देखो
जिन्हें शब्दों-वर्तनी-प्रोत्साहन से रचना-सार ने सींचा हो। जिन्हें शब्दों-वर्तनी-प्रोत्साहन से रचना-सार ने सींचा हो।
न अग्नि की तपन ये है न वायु का ये वेग है न अग्नि की तपन ये है न वायु का ये वेग है
तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l तू हिम्मत न हार, मन छोटा ना कर, मन को अपने सुमेरु बना l
रंग बदलती दुनिया देखकर, गिरगिट भी नाराज है। रंग बदलती दुनिया देखकर, गिरगिट भी नाराज है।
इतनी बार मिले हैं हम-तुम कि मुलाक़ातें सब याद नहीं की हैं इतनी बातें हमने कि उनका इतनी बार मिले हैं हम-तुम कि मुलाक़ातें सब याद नहीं की हैं इतनी बातें हमने...
अंदर और बाहर एक जैसे ही चेहरे है, हमारे पर इंसानी फ़ितरतों से गर्दिश में है, अंदर और बाहर एक जैसे ही चेहरे है, हमारे पर इंसानी फ़ितरतों से गर्दिश में है,
आकर ख़्वाबों में यूँ रोज-रोज तूम.. और इस दिल को बेक़रार न कर आकर ख़्वाबों में यूँ रोज-रोज तूम.. और इस दिल को बेक़रार न कर
उस शाम चाय की प्याली थामे मैंने एक गीत सुना, व्याकुल मन उस धुन को सुनकर थिरक उठा, उस शाम चाय की प्याली थामे मैंने एक गीत सुना, व्याकुल मन उस धुन को सुनकर थिरक ...
चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है चलना-जाना अकेले हर पल, जग मेला निर्जन, बंजर, हर भाव से खाली है
चंडी बनो, काली बनो या फिर ज्वाला सब कुछ बदल कर रख दो। चंडी बनो, काली बनो या फिर ज्वाला सब कुछ बदल कर रख दो।
पर तू क्यों नहीं समझ रहा कि मेरी दिल की राह पर अब तू है। पर तू क्यों नहीं समझ रहा कि मेरी दिल की राह पर अब तू है।
उस लम्हे में मैंने देखा है मौत को... बहुत करीब से जिया है उन लम्हों को तिल तिल कर के उस लम्हे में मैंने देखा है मौत को... बहुत करीब से जिया है उन लम्हों को ...
मौज बनाते, होती, बचपन की सुंदर कितनी याद। मौज बनाते, होती, बचपन की सुंदर कितनी याद।
बादलों की तरह कल फिर आओगे शायद इस गलतफहमी में थे बादलों की तरह कल फिर आओगे शायद इस गलतफहमी में थे
रह रह कर आईने में बूंदों की जगह झलक जाता है माँ रह रह कर आईने में बूंदों की जगह झलक जाता है माँ