STORYMIRROR

Madan lal Rana

Inspirational

4  

Madan lal Rana

Inspirational

अपना

अपना

1 min
399

अपनों से बढ़कर कौन होता है,

पर सवाल ये है कि अपना कौन होता है..?

आमरण अपने अंग सा

आठों पहर अनिमेष,

साये से ज्यादा जो संग होता है।

अपनों से...........................?


तेरे तन की उसे कोई चाह नहीं 

तेरे सुख-दुख का भी 

उसपर असर नहीं होता।

पर तेरी विषम गतिविधियों से वो

तंग-तंग  होता  है ।

अपनों से..........................?


तेरे हर सवालों

और शिकायतों को

वो पूर्ण जिम्मेवारी से सुनता

और सटीक समाधान भी देता है

पर तेरी ही बुद्धि पर जंग होता है

अपनों से...............................?


तू आज और कल की सोचता है

वो तेरे लिए कल आज 

और कल से भी आगे

अनंत काल तक सुख ढूंढता है

पर एक तू है कि उसे नहीं ढूंढ पाता

जो अंततः तेरा अपना तेरे वास्ते

सुख की लालसा लिए मौन होता है

अपनों से...............................?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational