अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
1 min
161
ज़माने की रौ में,,,
पल-पल वो पल गया.!
संजोया था जो बदन,,
तिल-तिल वो ढल गया.!
कोशिशें लाख की होंगी,,
खुद को रोकने की मगर.!
गुमान था जिस जिस्म पर,,
आखिरकार वो जल गया.!!
