सम भाव रख ईश गुणगान करना तू कभी गुमान न करना। सम भाव रख ईश गुणगान करना तू कभी गुमान न करना।
मैं जानूं कब, कैसे कि किसके वो पास है। मैं जानूं कब, कैसे कि किसके वो पास है।
चाहत नहीं खेल खेला बस। चाहत नहीं खेल खेला बस।
मंजिल कैसी भी हो, पहुंचने का द़म रखते हैं। मंजिल कैसी भी हो, पहुंचने का द़म रखते हैं।
कल फिर निकलोगे मेरे भारत में तुम हो महान। कल फिर निकलोगे मेरे भारत में तुम हो महान।
प्यार कर लूँ मैं तुमसे कुछ पल। प्यार कर लूँ मैं तुमसे कुछ पल।