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Shweta Mangal

Classics

5.0  

Shweta Mangal

Classics

उनके सामने

उनके सामने

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चाँद भी सो गया है

तारों  ने भी झपक ली हैं

अंखियाँ।


कि निहार लूँ मैं तुम्हें

 कुछ पल के लिये

इस रात की ख़ामोशी में

इस तन्हाई में

प्यार कर लूँ मैं तुमसे 

कुछ पल।


क्योंकि चाँद को भी है

यह गुमान

तारों को भी है यह पता

कि शर्मा जाऊंगी मैं

उनके सामने।


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