STORYMIRROR

Shweta Mangal

Drama

4.9  

Shweta Mangal

Drama

राहें

राहें

1 min
194


सूनी सूनी हैं मेरी राहें

 न कोई खबर मंजिल की

न ही है पता राह इसकी


फिर कैसे थाम लूँ मैं

तेरा हाथ मेरे हमसफ़र

खुद तो खो ही रही हूँ

तुझे भी खो दूँगी मैं

इन राहों पे


चल लूंगी मैं अकेले ही

पर नहीं है खोना

मुझे तुझे पाकर


इसलिए न आओ पास मेरे

न ही थामना हाथ मेरा

चलने दो मुझे यूँ ही


इन सूनी राहों पर

तन्हा तन्हा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama