STORYMIRROR

GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

4  

GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

तू गुमान न करना

तू गुमान न करना

1 min
229

यहां परिवर्तित है हर चीज़

यहां हर चीज़ का नव बीज़

यहां बीज़ नहीं शास्वत

शास्वत का न अपमान करना

तू कभी गुमान न करना

अन्तर छल न दुराव रखना

सब से प्रेम भाव तू रखना

इस भव में चाव तू रखना

सद्भावना का सम्मान करना

तू कभी गुमान न करना

न यहां थाती कोई

न दुखे छाती कोई

चल अचल जड़ जीव सब

कोई रहे न रहे, तू न रहे जब

सम भाव रख ईश गुणगान करना

तू कभी गुमान न करना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract