।।हे कृष्ण।।
।।हे कृष्ण।।
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हे कृष्ण तू "मेरे" संग है,
तो मेरी दुनिया मुझसे तंग है।
चल रहा अंतर्द्वंद्व है,
हो रहा विस्तृत जंग है।
करबद्ध करूं तुझसे प्रार्थना,
भटके हुए को राह दिखाना।
मिले जो तुझसे जमाना,
तो उसे तुम समझाना।
तू नहीं तो और कौन है,
वो जवाब जो गौण हैं।
तेरे व्यक्त अव्यक्त अस्तित्व पर,
ये दुनिया क्यों मौन है।
