तुम हो ईश्वर की सर्वोच्च कृति तुम्हारी हार में ईश्वर की हार है और जीत में है उस ईश्वर की जीत। तुम हो ईश्वर की सर्वोच्च कृति तुम्हारी हार में ईश्वर की हार है और जीत में है...
अभी ही तो आया था..सुधारस सा छाया था यौवन मकरंद...पुष्ट हुए जाते थे..अंग -प्रत्यंग , अभी ही तो आया था..सुधारस सा छाया था यौवन मकरंद...पुष्ट हुए जाते थे..अंग -प्रत...
आज मन में फिर वही खामोशी है यह खामोशी है, या मेरे मन का अंतर्द्वंद। आज मन में फिर वही खामोशी है यह खामोशी है, या मेरे मन का अंतर्द्वंद।
पर सबकी रगों में अनुराग देश का नहीं होता लेते हैं जन्म हर युग में कुछ न कुछ जयचन्द। पर सबकी रगों में अनुराग देश का नहीं होता लेते हैं जन्म हर युग में कुछ न कुछ ज...