अभी ही तो आया था..सुधारस सा छाया था यौवन मकरंद...पुष्ट हुए जाते थे..अंग -प्रत्यंग , अभी ही तो आया था..सुधारस सा छाया था यौवन मकरंद...पुष्ट हुए जाते थे..अंग -प्रत...
अबकी सबके उपालंभ दूर करके आएंगे, हम मिलजुल कर होली का पर्व मनाएंगे। अबकी सबके उपालंभ दूर करके आएंगे, हम मिलजुल कर होली का पर्व मनाएंगे।