I'm चेतना प्रकाश and I love to read StoryMirror contents.
आपने कभी बताया ही नहीं, मेरे भतीजे सब कितने बड़े हो गए आपने कभी बताया ही नहीं, मेरे भतीजे सब कितने बड़े हो गए
उसी आम के बग़ीचे में बड़े-बड़े पलंग बिछे रहते थे, उसी आम के बग़ीचे में बड़े-बड़े पलंग बिछे रहते थे,
और ऐसे राह चलते अजनबी चेहरे द्वारा दी गई सीख को हम कभी नहीं भूलते। और ऐसे राह चलते अजनबी चेहरे द्वारा दी गई सीख को हम कभी नहीं भूलते।
"मेरी दोनों बेटियों का स्वागत है!" "मेरी दोनों बेटियों का स्वागत है!"