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Madan lal Rana

Romance

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Madan lal Rana

Romance

आस की बूंदें

आस की बूंदें

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वादा है सपनों में तेरे

ढल जाऊंगा!

तेरे लिए हद से भी

गुजर जाऊंगा!

चला जो मेरे साथ 

क़दम से क़दम मिलाकर

तेरे हाथों की लकीरों को

बदल डालूंगा!

मैं हकीकत भी हूं

और हूं ख्वाब भी 

आंखों में तेेरी

मैं बस जाऊंगा!

मैं राख भी हूं

और गुलाब भी!

तू जो चाहे मैं 

मैं बन जाऊंगा!

रास्ते हों कांटों भरे

या हो मखमली

ये ना समझना

मैं बदल जाऊंगा!

मैं वक्त हूं काल हूं

हूं नववर्ष तुम्हारा

जीवन में तेरे 

बार बार आऊंगा!



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