यह देश है मेरा
यह देश है मेरा
यह पावन धरती है मेरी
गंगा जमुना यहॉं बहती हैं,
राम कृष्ण की जन्मभूमि यह
देवगण भी गाते गीत यहॉं के।
जब आलस्य प्रमाद ने डेरा डाला
बँध गई दासता की ज़ंजीरों में,
ऋषियों की पावन भूमि यह
उद्धार हेतु विकल तड़पती थी।
भारत मॉं के वीर बॉंकुरे
अपनी जान पर खेल गये,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाकर
दासता की बेड़ी तोड़ गये।
अब सतर्क हो रहना है
सीमा के सजग प्रहरी बनें,
बड़ी अनमोल यह स्वतंत्रता है
इसे संजोकर सँभाल रखना है।
अपना अपना सब काम करें
देशहित में सर्वस्व दान करें,
आपस में भाईचारा बढ़े
फिर यह धरती स्वर्ग बने।