अस्तित्व
अस्तित्व
उठाते हैं अस्तित्व पर उसके,,
जो सवाल वो सरफिरा है !!
देेेखा है हर बार उनको,,
उठ-उठ कर वो गिरा है!!
संभाल लेता है फिर भी उसे वही,,
उनको ना कभी किसी से गिला है!!
धिक्कार लो चाहे कोई नफ़रत से उसे,,
हर मुश्किल में वही साथ मिला है!!
कभी किसी से कुछ मांगा नहीं उसने,,
हर मोड़ पर केवल दिया ही दिया है!!
अरे ओ मुंह मोड़कर जीनेवालों,,
तेेे घर में जो रोशनी है वो उसी का दीया है!!
ज्ञान और शक्ति पे अपने और ना अकड़,,
भ्रम तेरा टूटेगा ही जब काल तुम्हें जकड़ेगा!!
मत इतराओ संभल जाओ अब भी नहीं है कुछ बिगड़ा,,
स्वीकारो सत्ता को उसकी बढ़ाओ हाथ जरूर वो पकड़ेगा!!
बढ़ा एक कदम तू उसकी तरफ,,
वो दस कदम तेरी तरफ बढ़ेगा!!
अंधेरा भी हो रास्ते में अगर,,
वो रोशनी लेकर साथ चलेगा!!
भरोसा और विश्वास ही तो ईश्वर है,,
पल-पल उनसे उम्मीद पर ही तो कटता है!!
वरना किसे पता कब होगी सुबह और,,
किसे पता कब शाम ढलेगा!!