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Madan lal Rana

Inspirational

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Madan lal Rana

Inspirational

मेरी मिल्कियत

मेरी मिल्कियत

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मेरी अपनी मिल्कियत

बस एक मेरी लेखनी ही है

जिसे मैं बिल्कुल अपना जानता हूं

जिसके दम से मैं 

खुद को सर्वशक्तिमान मानता हूं

यह हाथ में आती है तो

विचारों में दिव्यता आती है

जिसकी दिव्य ज्योति में मैं

विचरता हूं और विचारता भी हूं

और गढ़ता हूं कल्पनाओं का संसार

इसी की गरिमा से उत्सर्जित

आबोहवा में मैं सांसें लेता हूं

इसके स्पर्श से मुझमें स्फूर्ति आती है

स्नेहिल स्पर्श से इसके

 चेहरे पर मेरे कांति आती है

इसके संसर्ग से मेरे

व्यक्तित्व में निखार आता है

सानिंध्य में इसके मैं

सम्पूर्ण ऐश्र्वर्य का अनुभव करता हूं

इसी के वरदहस्त् से मैं

धन्य-धन्य होता हूं

यह साथ है तो अतिशय गर्वित होता हूं

मेरी लेखनी मेेेरी 

आन बान और शान है

यह नहीं तो मैं नहीं

मेरी लेखनी ही मेरी जान है।



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