ऐसा था भारत मां का सुभाष बेटा
ऐसा था भारत मां का सुभाष बेटा
नसों में जिसके लहू लावा बन बहता....
ऐसा भारत मां का सुभाष था बेटा ।
देश के स्वाभिमान हेतु ,
मिट्टी में मिला देता अंग्रेजों का अभिमान था,
निडर ऐसा भारत का सुभाष था बेटा।
" मुझे खून दो, आज़ादी बदले में दूंगा"
ने बदल दिए हृदय नव युवकों के कितने,
देश की रज को लगा माथे में
कफ़न रख सिरहाने में,
आज़ाद हिंद फौज बन गई एक ही नारे में।
कदमताल देख इन वीरों का,
कलेजा थर्रा उठा था विरोधियों का।
' जय हिंद ' जय हिंद ही रहेगा....
कहते थे -रक्त की अंतिम बूंद तक देश के लिए ही लड़ूंगा,
ना दे सांसे साथ भी मैं देश के लिए ही जियूँगा - मारूंगा
ऐसा भारत का सुभाष था बेटा....
18अगस्त को नियति का हुआ वज्रपात,
भारत का पूत अनंत में खो गया ,
दे गया आंखों में स्वाधीन भारत का सपना,
छोड़ गया नारा 'जय हिंद' का पीछे अपना..