STORYMIRROR

Vipin Kumar Sharma

Others

2  

Vipin Kumar Sharma

Others

दिवाली

दिवाली

1 min
149

धूम-धड़ाके के संग फिर से आ गई दिवाली 

नटखट नटखट बच्चे घूमें लेकर बम दियासलाई 


बच्चों ने अपने मन की खूब खाई मिठाई 

कोई खील-खिलौना लेकर कोई बम चलाई 


कोई गुल्ला बर्फी खाये कोई रसमलाई 

जिसको जितनी अच्छी लगती उसने उतनी खाई 


कितने भी नटखट बच्चे हों सबने दीप जलाई 

लक्ष्मी गणेश की पूजा कर सब आँगन सरकाई 


फोड़ पटाखे और बंदूकें सबने ख़ुशी मनाई 

दिवाली को विदा करके होली की आस लगाई। 


Rate this content
Log in

More hindi poem from Vipin Kumar Sharma