आक्रमण करते चलो
आक्रमण करते चलो
मित्रों की टोलियाँ फेस बुकों के पन्नों
में उभरने लगे
हमने भी सोचा क्यों ना ...
अपनी भी टोली बनायी जाय,
यहाँ इन बातों से
हमें क्या लेना
शारीरिक परीक्षण तो होता नहीं
ना उम्र का तकाजा है
हल्के हो या लीलिपुट
हमें तो लोगों को बताना है
हम भी सर्जिकल स्ट्राइक
कर सकते हैं !
हम नहीं देखते
आप हैं कौन ?...
रहते कहाँ हैं ?
आपके रणकौशल से
हमको क्या लेना ?
विचारों के मेल ....,
सहयोग की भावना,
गोपनीयता .....,
मेल जोल की बात
पुरानी हो गयी,
अब तो हम भी कह सकेंगे
देख लो दुनिया के लोगों,
हमने भी टोली बनायी
है हमारे बंधुओं को छूट
गोली मारने की,
इनको हम ग्रेनेड,
बम और परमाणुओं से
सुसज्जित कर रखे हैं
आक्रमण बस....
आक्रमण करते रहो,
तुम ना देखो फेसबुक,
व्हाटसअप्प, मैसेंजर
परमाणुओं की बारिश करते रहो !
हम नहीं देखेंगे कि कौन
किसमें तल्लीन है
किसने अपने एप्प को मोर्चा बनाया
इससे हमको क्या ?
हमने तो अपने लोगों को कह दिया है
आक्रमण करते चलो
आक्रमण करते चलो !
