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UMA PATIL

Romance

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UMA PATIL

Romance

चेहरा तुम्हारा

चेहरा तुम्हारा

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दिखता है गुलाब चेहरा तुम्हारा

हर सवाल का जवाब चेहरा तुम्हारा।


करीब मेरे आते ही, छिपाती हो चेहरा

ओढ़ता है शर्म का नकाब चेहरा तुम्हारा।


पीता नहीं मैं रोज-रोज पर, क्या करूँ ?

पिलाता हैं नैनों से शराब चेहरा तुम्हारा।


न रंज कोई, न शिकंज है, न झुर्रियाँ

अभी तक नूर-ए-शबाब चेहरा तुम्हारा।


मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो

हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा।


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