जिन्दगी है तो बस चलना होगा
जिन्दगी है तो बस चलना होगा
नही पता कल क्या होगा
कौन साथ कौन जुदा होगा
कभी उजाला कभी अंधेरा होगा
जिन्दगी है तो बस चलना होगा।
कुछ सवालो मे उलझना होगा
कुछ जवाबों के लिए भटकना होगा
कभी तन्हाई कभी अकेलापन होगा
जिन्दगी है तो बस यूं ही चलना होगा।
कभी अंजान राहो पर चलना होगा
वहां शायद कोई न अपना होगा
दिल मे उम्मीदों का कल पलता होगा
जिन्दगी है तो बस यूं ही चलना होगा।
मंजिल का पड़ाव कहीं बहुत दूर होगा
धुंध ही धुंध हर ओर पसरा होगा
हौसले के चिराग को जलाए रखना होगा
निशा के बाद ऊषा का आगमन निश्चित होगा।
जिन्दगी है तो बस यूं ही चलना होगा।
