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Rinki Raut

Drama

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Rinki Raut

Drama

किताब मेरे दोस्त

किताब मेरे दोस्त

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किताबों के भीतर 

मेरे सपनों की दुनिया बसी है 

पन्ना बदलते ही बचपन दिखा 

पुराने दोस्त मिले 


ख़ुशी, उमंग, झूठे ओर सच्चे 

बातों की कहानी मिली

स्कूल की डेस्क पर 

कॉलेज के दिनों के तस्वीर मिले 


एक पुरानी किताब 

के पन्नों में दबा प्यार मिला

गुलाब की पंखुडियो पर लिखा 

उसका नाम मिला 


सपनों को किताबों से प्रेरणा मिली

जिन्दगी का हर रूप किताबो से ढला

ये वो दोस्त है जो रूठे न कभी

अलमारी में बैठे मुस्कुराते रहे 


सवाल दर सवाल

जब कभी किसी नए सवाल 

का जवाब न मिले 

तब अपनी किताब का 

पन्ना पलटे।


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