बगावत
बगावत
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खुद से है वादा मेरा
जुबापर ताला जड़कर रखूंगी
कर दी बगावत किसीने इशारो में
तो ईट का जवाब पत्थर से दूंगी
मेरे इश्क को लम्हा न समझ लेना
सदियों की मुहब्बत को फितरत न समझ लेना
गाफिल रहते है तुम्हारे इश्क में
गैरो की बातों में आकर दिल न तोड़ देना
इतना भी जुनून ठीक नही
जिंदा रहने का किसीके अंदर
कल को यह खबर न आये
लहरे बच गई खत्म हुआ समंदर
