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Shirish Pathak

Abstract Romance

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Shirish Pathak

Abstract Romance

बता देना चाहता हूँ

बता देना चाहता हूँ

1 min
278


आज फिर तुम कुछ सोचने लगी

मगर आज जो सोचा वैसा तुम

पहले कभी नहीं सोचती थी(याद आ गयी होगी तुम्हें वो बात)


आज तुम्हारी बातों में चिंता साफ नजर आयी

चिंता इस बात की थी अगर

सब कुछ ठीक न रहा हमारे बीच

चिंता इस बात की थी आगे क्या होगा

तुम इस बात पर घबरा उठी


तुमको मैं ये बता देना चाहता हूँ

तुम्हारे साथ बिताए जाने वाले ये वक़्त

मेरे लिए किसी ख़ज़ाने की तरह है

जिसे मैं बार बार देखना चाहता हूँ

बार बार पाना चाहता हूँ


तुमको ये बता देना चाहता हूँ

तुम्हारा साथ एक ऐसी किताब की तरह है

जो हर बार पढ़ने पे एक नया किरदार

अपने अंदर समा लेता है

हर बार खोलने पर एक नई सी खुशबू आने लगती है


तुमको ये बता देना चाहता हूँ

तुम्हारा होना मेरे जीवन में मिठास भर देता है

जैसे किसी रसगुल्ले को चाशनी के साथ खिला दिया हो

जैसे एक साथ किसी ने सारी मिठाई खिला दी हो


तुमको ये बता देना चाहता हूँ

तुम खुश रहो बहुत खुश रहो

इन चिंताओं से दूर इन तकलीफों से दूर

तुम्हारा काम तुम्हारी इच्छाएं पूरी करने की है

तुम्हारा काम बस ये है कि तुम हमेशा मुस्कुराती रहो



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