मातृ- पितृ आरती
मातृ- पितृ आरती
जय जय जय मां-बाप
जय जय मां-बाबा
तुम्हरे शरण है
बेटा तुम्हारा
कितना भी टूटा
कितना भी हारा
तुम्हरी नज़र में
सबसे है प्यारा
जय देव जय देव..... जय देव
तुम्हरे कदम में
दुनिया हमारो
सब मिल जावे
तुम जो पुकारो
ये खुशी, ताकत
शोहरत हमारो
तुमने ही जन्मा
तुम्हीं बस जानो
जय देव जय देव.....जय देव
रोए जो शामो सुबह
दिन रतिया
तुम्हरे सीने पर
जो सिर रखिया
प्यारी सी लोढी
और तुम्हारी सूरतिया
हमको सिखावे
तुम्हारी हर बतिया
जय देव जय देव.....जय देव
डांट तुम्हारी
जीवन दिखलाती
बेखौफ मजबूत
इंसान बनाती
जो जो हैं मांगे
तुम सब हो लाती
तुम्हरे संग जीना
हां!! तुम्हरे संग जीना
उमर ये सारी
जय देव जय देव.....जय देव
तुम्हीं हो ये दुनिया, ये जहां तुम्हीं हो
तुम्हीं हो सच और खुदा तुम्हीं हो
तुम्हीं हो धड़कन ये नब्ज तुम्हीं हो
तुम्हीं शुरुआत और अंत तुम्हीं हो
तुम्हरे हाथ जो कोई खावे
बचपन सुखमय , ज़िंदा पावे
रोटी तुमसे ,सांसें तुमसे
घर, गृहस्थी, जीवन पावे
तुमसे आशीष यकीन बस तुम पर
तुम्हरे पास हों तो काहे का डर
जिन जिन बालक ने तुमको छोड़ा
नाश हो जावे, सहे वो पीड़ा
मम्मी-पापा, मां-बाबा, अब्बा-अम्मी हरे हरे
जय माता, जय पिता, अन्नदाता हरे हरे जय देव
