राम
राम
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम, जय श्री राम l
वाल्मिकी ऋषि मरामरा कहकर राम नाम में पड़ गए,,
राम नाम ने उनको दिया प्रेम और सम्मान इतना कि वो वो इस जग से तर गए।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम, जय श्री राम।
मेरे राम का विवेक था कुछ ऐसा कि जग ने माना कृष्ण रूप में तो शब्दो में कही थी प्रभु ने गीता, राम रूप में खुद जिंदगी में जी वो वो गीता।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम, जय श्री राम।
भाई हो या माता या पत्नी या जन कोई प्रजा का वचन उन्होंने सारे निभाए ,पिता के वचन और मां की एक खुशी खातिर उन्होंने राज सुख भी ठुकराए ।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम ,जय श्री राम
मीठी उनकी बोली थी और व्यवहार उनका बड़ा सरल था नर हो या हो वानर सबके प्रति उनका स्नहे अटल था।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा है नाम, भज के देखो जय श्री राम श्री राम।
प्रेम वो सबसे करते थे ,, राजा होकर भी वो भील को भ्राता और शबरी को मां पुकारा करते थे।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम ,जय श्री राम।
रावण को भी उन्होंने कई दफा समझाया ये विवेक ही था उनका जो चारो जहान के मालिक होकर भी मर्यादा रख मानुष चोले की वो समुद्र पार कर वानर सेना संग युद्ध करने आया था।
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम, जय श्री राम
जितना कहलो कि कम है मेरे रामके बारे में ,मुनियों ने भी लिखी कई मेरे राम की महिमा, जो कर दे जिंदगी को अमृत वो है मेरे राम की महिमा और गरिमा
जितनी मनमोहक छवि उतना ही प्यारा नाम, भज के देखो जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम।