आजादी का अभिमानआजाद
आजादी का अभिमानआजाद
धन्य धन्य हे माता जगरानी
बदरका भावरा की माटी का
कण कण धन्य।।
कोख और माटी ने मिलकर
भारत को दिया अनमोल रत्न
पंडित सीताराम पिता गौरव पल।।
जुलाई तेईस सन ऊँन्नीस सौ छः
माँ भारती का लाल चन्द्रशेखर
आजाद जन्म।।
लालन पालन सत्य सनातन
नित्य निरंतर संस्कृति संस्कार
अन्याय अत्याचार का प्रतिकार
पुरुषार्थ।।
भारत के जन जन घुट घुट कर जीता जाता
परतंत्रता की पीड़ा का घूंट
पिता जाता समय काल प्रतीक्षा।।
चंद्रशेखर नाम दिया मां बाप ने
आज़ाद स्वय का दिया नाम
राष्ट्र के अन्तर्मन की वेदना आज़ादी
की चाह।।
आजादी के संकल्पों प्रतिज्ञा
पराक्रम का स्वयं आज़ाद जन
जन के भाँवो का प्रतिबिंब प्रतीक
आजाद।।
युवा उमंग उत्साह ऊर्जा हुंकार
नौजवानों की टोली जैसे राष्ट्र
अस्मत की रक्षा के जवान।।
भगत सिंह राज गुरु बिस्मिल
असफाकउल्लाह खान युवा
राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा
जवान।।
आजाद की युवा शक्ति का
युद्व आगाज़ काकोरी कांड
गोरों की खुफिया सैन्य शक्ति
बेकार।।
लंदन असेम्बली बम फेंका
गोरों के अहंकार को चकनाचूर
चूर किया आज़ाद की संगठन
शक्ति का कमाल।।
जब जब राष्ट्र करता अपनी
गर्जना सर उठाते गद्दार
इलाहाबाद अल्फ्रेड पार्क
गद्दारी का साक्षात प्रमाण।।
आजाद घिर गए अकेले
नही इल्म और अंदाज़ नही
पता था कलयुग में पग पग
पर विभीषण मुश्किल चुनौती
चट्टान।।
हार नही मानी लड़ते रहे
अकेले जब गोली सिर्फ एक
बची दिखता नही कोई राह।।
संकल्प प्रतिज्ञा दृढ़ता का
आज़ाद जीवन भर आज़ाद
गोरों के छक्के छुड़ा दिया।।।
घाटघाट का पानी पीते गोरे बेहाल
आज़ाद न आये हाथ।।
अपनी ही गोली को किया आत्म
साथ मां भारती को किया प्रणाम।।
महाप्रयाण की पीड़ा माँ भारती के आजादी का
ख्वाब रह गया अधूरा
कर ना सका पूरा ।।
चंद्रशेखर आज़ाद भारत की आज़ादी
संघर्षों का मिशाल मशाल युवा प्रेरणा
जीवेत जाग्रतं युवा शक्ति प्रवाह।।