गीली परतों पर शबनम ने बरसाई झीनी-झीनी धार है। गीली परतों पर शबनम ने बरसाई झीनी-झीनी धार है।
कहीं किसी का कंबल फटता है, कहीं कोई फटे कंबल में रहता है। कहीं किसी का कंबल फटता है, कहीं कोई फटे कंबल में रहता है।
मरहम लगाने की कोशिश की जा रही है। मरहम लगाने की कोशिश की जा रही है।
तो चलिये दोस्तों, आज ये बर्फानी एहसास करते हैं सिर से पांव तक जमे हुये, कुछ जज़्बात खरोंचते हैं तो चलिये दोस्तों, आज ये बर्फानी एहसास करते हैं सिर से पांव तक जमे हुये, कुछ जज़...
अच्छा लगता है देर तक सोना सबको नरम कंबल की गरमाहट भली लगती है। अच्छा लगता है देर तक सोना सबको नरम कंबल की गरमाहट भली लगती है।
फिर भी वो.. शीतलहर की चिर निद्रा में सो गया। फिर भी वो.. शीतलहर की चिर निद्रा में सो गया।