मौसम
मौसम
मौसम ए सफ़र में
आया एक मुकाम है
पसीजते लम्हों पर
ठंड़ का सर्द साया है
हौले-हौले हिमखंड से
सनननन बहती बयार ने
दिसंबर की दहलीज़ पर
बरसाया प्यार है
गूँचे बगियन पर
मोतियों की हार है
ओस की फुहार की
मद्धम सी चाल है
गाल लाल गोरीयन के
ठंड से बेहाल है
साजन की छुअन पर
शर्म की बौछार है
शीत सर्द सराबोर
रजनी इठलाती
छिपे लोक कंबल में
रजाई की बड़ी मांग है
हरी भरी घास की
गीली परतों पर
शबनम ने बरसाई
झीनी-झीनी धार है।
