इक बार फिर से इक नये सिरे से एक दूजे को चुने हम। इक बार फिर से इक नये सिरे से एक दूजे को चुने हम।
अच्छा लगता है देर तक सोना सबको नरम कंबल की गरमाहट भली लगती है। अच्छा लगता है देर तक सोना सबको नरम कंबल की गरमाहट भली लगती है।
हम ये सोच के बैठे थे कि धूल है, राख है ये, बस जरा सा कुरेदा तो हाथ जल गए हम ये सोच के बैठे थे कि धूल है, राख है ये, बस जरा सा कुरेदा तो हाथ जल गए
रूकना कहाँ है? कौन सी मंजिल है! ये भी नहीं जानते हैं । रूकना कहाँ है? कौन सी मंजिल है! ये भी नहीं जानते हैं ।
लक्ष्मी और रिश्तों में जंग छिड़ी है, लक्ष्मी रिश्तों पर भारी पड़ी है, लक्ष्मी ने ऐसा खेल दिखाया, ... लक्ष्मी और रिश्तों में जंग छिड़ी है, लक्ष्मी रिश्तों पर भारी पड़ी है, लक्ष्मी ...
जिस्म तो मिलता है पर लम्हों की गरमाहट फ़ना होती है जिस्म तो मिलता है पर लम्हों की गरमाहट फ़ना होती है