चल रही थी हवा आंधी बनकर खुद को जलाए रखने को वह लड़ रहा था चल रही थी हवा आंधी बनकर खुद को जलाए रखने को वह लड़ रहा था
आस से है खड़ी, भभक रही , भभक रही ! आस से है खड़ी, भभक रही , भभक रही !
हम ये सोच के बैठे थे कि धूल है, राख है ये, बस जरा सा कुरेदा तो हाथ जल गए हम ये सोच के बैठे थे कि धूल है, राख है ये, बस जरा सा कुरेदा तो हाथ जल गए