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kajal ni kalame

Abstract

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kajal ni kalame

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वक्त

वक्त

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किसी के लिए वक्त ज़ख्म है

तो किसके लिए मरहम है,

कोई जीता जिंदा दिल से तो

कोई कोसता इसे हरदम है।


रुकता नहीं कभी ये

हर मोड़ एक नया जन्म है,

जो चल दिया संग उसके

वही सच्चा रहगुजर है।


हर रोज एक नया तजुर्बा

हर पल एक नई पहल है,

किसी के लिए रहनुमा तो

किसी के लिए बेरहम है।


आता नही नजर पर

इसके नजारे हर तरफ है,

मिट गए सब मुर्शीद माटी में

एक वक्त ही अजर अमर है।


      


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