सीख सयानी को
सीख सयानी को
मत खोल अपने एहसासों को दिल में तेरे दबा के रख,
लुटेरा है हर कोई यहां अपने सम्मान को तू बचा के रख।
मिलेंगे भेड़िए हर दिन यहां ले के शक्ल शराफत की,
दिल की इस दहलीज पर दिमाग को तू दरबान रख।
आएंगी बाढ़ जज्बातों की भी तेरी तरक्की की राह पर,
बह न जाना तू कहीं खुद को तू किनारे रख।
होंगे वार हजार तुझ पर तानों की तलवार से,
बना के ढाल हिम्मत को हौसला ए बुलंद रख।
ना आंगन की चिड़िया हो तुम और ना खूंटे से बंधी गाय,
अपने वजूद को तराशने का साहस तू खुलेआम रख।
गर ठहर गए जो कदम कहीं तो मुकद्दर भी ठहर जाएगा,
हाथ फिर अफसोस के और कुछ न आएगा।
रह जाएंगी बन के तू कठपुतली किसीके हाथों की,
अपने अधिकारों की रक्षा हेतु आवाज ऊंची गगन रख।