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Rohit Rahgir

Romance Tragedy

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Rohit Rahgir

Romance Tragedy

कुछ लफ्ज़ अनकहे !

कुछ लफ्ज़ अनकहे !

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कुछ लफ्ज़ अनकहे काश मैं कह पाता

तेरी आँखों से उतर कर दिल तक जा पाता


अरमां है कितने मेरे ख्वाबों के दुनिया में,

काश वह दुनिया मैं, तेरे नाम कर पाता


जिंदगी के सफ़र में, मेरी मजबूरियां बहुत

शायद दास्तां ए लाचारी मैं बयां कर पाता


तुझे पाने का जो एक जुनून सवार था दिल में

काश वो जुनून के साथ जमाना से लड़ जाता


रोता हूँ हर लम्हा सफऱ ए ज़िन्दगी बिन तेरे 

काश तेरे दिल मेरे हर ज़ख्म को पहचान पाता


अब वो जिंदगी क्या जीना तेरी हँसी के बगैर 

मांगता हूँ मौत काश वो भी गले लगाया होता



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