STORYMIRROR

निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Romance Inspirational

4.5  

निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Romance Inspirational

तुला प्रेम की

तुला प्रेम की

1 min
306


तौलने बैठा एक दिन, 

राधा की प्रेम शक्ति को, 

मीरा की अनन्य भक्ति को, 

पलड़ा किसका भारी, 


सोचा 'कान्हा' से पूछूँ, 

राधा ठहरी त्याग की मूरत, 

मीरा है भक्ति की सूरत, 

फिर कौन 'कान्हा' की दिव्य पुजारी? 


कान्हा के अधर मुस्कान लिए, 

मोम के दो टुकड़े लिए, 

एक श्वेत सफेद मोम, 

दूजा रंग बिरंगा चित्रित मोम, 

दोनों को एक दिये में पिघलाया, 


फिर ठंडी आँच में पक कर, 

बना जो ख़ूबसूरत सम्मिश्रित मोम, 

जो दीये की लौ में चार चाँद लगाता, 

'कान्हा' ने रख दिया हथेली पर, 


त्याग और भक्ति से मिलकर

होता 'कान्हा' का निर्माण, 

राधा और मीरा बसे हैं ऐसे, 

मानो एक श्वास तो दूजा प्राण ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance