राधा और मीरा बसे हैं ऐसे, मानो एक श्वास तो दूजा प्राण ! राधा और मीरा बसे हैं ऐसे, मानो एक श्वास तो दूजा प्राण !
प्रेम की अन्यतम परिभाषा पिता हैं... समर्पण की अनन्य गाथा पिता हैं... प्रेम की अन्यतम परिभाषा पिता हैं... समर्पण की अनन्य गाथा पिता हैं...
पल-पल उस अतीत की यादें, सोई जगती रहती है। जब कभी सखियों में उसकी, चर्चा मेरी होती है पल-पल उस अतीत की यादें, सोई जगती रहती है। जब कभी सखियों में उसकी, चर्चा...
मेरी शरण तज जिसेे न अन्य। भार तुम्हारा मुझ पर होगा वचन ना मेरा झूठा होगा। मेरी शरण तज जिसेे न अन्य। भार तुम्हारा मुझ पर होगा वचन ना मेरा झूठा होगा...