Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Chandra Prabha

Romance

3.5  

Chandra Prabha

Romance

प्रतीक्षा

प्रतीक्षा

1 min
600


मनाने में इतनी देर नहीं करते,

मन के टूटे धागे फिर नहीं जुड़ते।

रोज़-रोज़ आँखों में प्रतीक्षा रही,

मनाने आओगे तुम, हम मान जायेंगे।


थोड़ा गिला शिकवा करेंगें,

पर मनाओ तो, हम मान जायेंगे।

यह कैसी नादानी थी,

तुम मानने ही नहीं आये,


हम बैठे रहे इन्तजार में,

उम्र ही निकल गई।

तुमने शब्दों के तीर फेंक दिए,

हम सह भी न पाये,


तुम्हें पता ही नहीं चला,

कौन कहाँ घायल हुआ।

इतना कड़वा बोला ना करो,

शब्द भी पीड़ा देते हैं।


रूठे को मनाना भी नहीं जानते,

तो घायल क्यों करते हो ?

मुझे इतना सताया है तुम्हारे तानों ने,

कि अब साथ अच्छा नहीं लगता।


अब एकान्त भला लगता है,

पर याद तुम्हारे ताने आते हैं।

चेहरे पर चमक है,

उदासी नहीं है,

यह आत्म सम्मान है,

जो चेहरे पर चमकता है।


तुम अपने कमरे में,

हम अपने कमरे में,

जिन्दगी का यह सफर,

इसी तरह कट रहा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance