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Krishna Sinha

Romance

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Krishna Sinha

Romance

रेत सी मै

रेत सी मै

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तुम अपनी ख़ुशी में मशगूल हो,

मैं अपने गमो में कैद हूं,

ना थाम सकोगे

तुम मुझको


मैं तो फिसलती रेत हूं

क्या हुआ जो नाम अपना

लिख सके तुम इस रेत में,

मिट जायेगा पल भर में अंकित,


बस लहरें आने तक साथ हूं

ना थाम सकोगे तुम मुझको

मैं तो फिसलती रेत हूं।


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