यूँ ही
यूँ ही
यूँ ही अपनेपन का आभास होता है
यूँ ही खुशनुमा अहसास होता है
यूँ ही कुदरत की इनायत होती है,
यूँ ही बात से बात होती है,
यूँ ही शुरू होता है सिलसिला मोहब्बत का,
यूँ ही दोस्ती की शुरुआत होती है,
यूँ ही हर प्यारी बात होती है,
यूँ ही दिन, यूँ ही रात होती है,
यूँ ही... यूँ ही... हाँ यूँ ही।