राज
राज
मिरी मौत के साथ
कुछ राज दफन हो जायेंगे,
कुछ अधूरे से ख्वाब,
उस आखिरी नींद में,
खत्म हो जायेंगे,
जिसे जीते जी ना मिला
एक कांधे का सहारा,
मरने पर उसे भी चार काँधे
नसीब हो जायेंगे,
अजीब रीत है
इस दुनिया की यारो,
दुश्मनी सब जतायेंगे,
पर मोहब्बत छिपायेंगे...
सब जमाने को कहेंगे,
अपनी मोहब्बत का दुश्मन,
फिर औरो के लिए,
खुद वो जमाना बन जायेंगे,
अपनी बेड़िया हर एक को,
चुभती है, फिर भी,
दुसरो के लिए,
मजबूत बेड़िया बनवायेंगे
मिरी मौत के साथ ही
कुछ राज दफन हो जायेंगे.......
मै नख से शिखा तक
मोहब्बत से लबरेज हूँ,
पर मिला ही नही वो शख़्स,
किसे हम मोहब्बत जतायेंगे,
देख लिए करके जतन बार बार,
जिस्म के आशिक बहुत मिलते है
जाते जाते रूह छलनी कर जायेंगे,
खूबसूरत गिलाफ ही
हर एक की निगाहों मे है,
भीतर पेबंदो की उधडन
हम भी दिखा ना पाएंगे
मिरी मौत के बाद
कुछ राज दफन हो जायेंगे........
खुश बहुत दिखते है हम,
हमारी मुस्कुराहट पर फिदा है वो,
पर हमारी हंसी के पीछे छिपा दर्द,
कहाँ वो देख पाएंगे......
ना रोकर, पत्थर से कठोर हो गए है हम,
हम मोम है, कहाँ वो जान पाएंगे,
इक सिरे मे लगा दो,
आग अब कोई,
हम पिघल जायेंगे, तबाह हो जायेंगे,
मिरी मौत के साथ
कुछ राज दफन हो जायेंगे....