अक्स
अक्स
संजो लूँ तुम्हारे अक्स को अपने भीतर, गहरे......
इतने गहरे....... ज्यो सागर में छिपे होते हैं मोती...
हर किसी की पहुँच से दूर.... बेहद महफूज।
संजो लूँ तुम्हारे अक्स को अपने भीतर, गहरे......
इतने गहरे....... ज्यो सागर में छिपे होते हैं मोती...
हर किसी की पहुँच से दूर.... बेहद महफूज।